Saturday 13 February 2016

डर के आगे जीत है !!

हैल्लो दोस्तों!! मेरा नाम समीर पटेल है और मेरी उम्र 26 और मेरे लंड की साईज़ 7 इंच है। दोस्तों में गुजरात के अहमदाबाद शहर का रहने वाला हूँ। दोस्तों यह घटना आज से करीब तीन साल पहले की है और हम लोग एक बहुत अच्छे परिवार से है हमारे परिवार में मेरी आंटी, अंकल, मम्मी, पापा, भाई
और आंटी का एक लड़का और एक लड़की है जो अभी बहुत छोटे है। दोस्तों मुझे बहुत पहले से ही मेरी आंटी पसंद है और जब वो रोज सुबह शाम झाड़ू लगाने के लिए नीचे झुकती थी तब में उसके बड़े बड़े बूब्स को घूर घूरकर देखता था और यह बात उसको भी पता थी, लेकिन उन्होंने मुझसे कभी कुछ नहीं कहा, जिसकी वजह से मुझे आगे बढ़ने का मौका मिलता गया और में आगे बढ़ता रहा और सब कुछ वैसे ही चलता रहा।
फिर एक दिन अंकल को अपने ऑफिस के किसी जरूरी काम से कुछ दिन के लिए हैदराबाद जाना पड़ा तो आंटी ने मुझसे कहा कि जब तक अंकल यहाँ पर आ नहीं जाते तब तक तू रात मेरे साथ में ही सोएगा। उनके ऐसा कहते ही मेरा लंड तनकर सीधा खड़ा हो गया और जींस में ही टेंट की तरह खड़ा हो गया और अब शायद आंटी ने भी इस बात पर गौर किया और फिर वो मुझे एक शरारती स्माइल देकर चली गई, लेकिन तभी में समझ गया कि में आज रात को आंटी को ज़रूर चोद सकता हूँ और मैंने सीधे बाथरूम में जाकर एक बार मुठ मार ली और अब में बहुत बेसब्री से रात होने का इंतज़ार करने लगा और जब सब लोग खाना खाने के बाद टीवी देखने लगे तो में भी आंटी के दोनों बच्चो के साथ वहीं पर था। उनका लड़का तब 2 साल का ही था और उनकी लड़की 6 साल की थी। जब रात को 11 बज गये तो सभी लोग एक एक करके सोने अपने अपने कमरे में चले गए और में बाथरूम में जाकर फ्रेश हो गया और मैंने नाईट ड्रेस पहन ली और अब मैंने देखा कि आंटी के रूम का दरवाज़ा थोड़ा सा खुला हुआ था।
मैंने छुपकर देखा तो आंटी अंदर अपनी साड़ी खोल रही थी। में भी वहीं पर खड़ा रहकर वो सुंदर नज़ारा देखने लगा, उसने अब धीरे धीरे पूरी साड़ी को खोल दिया और उसके बाद में उसने अपना पेटीकोट भी उतार दिया और अब यह सब देखकर मेरा लंड तनकर खड़ा हो गया क्योंकि आंटी अब सिर्फ़ ब्लाउज और पेंटी में थी। तब मैंने उसकी उभरी हुई बड़े आकार की गांड देखी तो में बिल्कुल पागल सा हो गया। मेरा तो जी करता था कि में अभी वहां पर जाकर उसकी गांड मार लूँ। फिर कुछ देर बाद जब उसने ब्लाउज को उतारा तो उसके बूब्स ब्रा में से बाहर निकलने के लिए तड़प रहे थे और कुछ देर बाद उसने ब्रा को भी उतार दिया और अब उसके बूब्स को देखकर तो में जल्दी से नीचे बाथरूम गया और मैंने एक बार फिर से मुठ मार ली और जब में वापस ऊपर आया तो मैंने देखा कि आज आंटी ने आज सिर्फ ब्रा पहन रखी थी और उनके बूब्स की निप्पल साफ दिखाई दे रही थी। मेरा लंड खड़ा हो गया और बेड पर जाकर टीवी देखने लगा। मुझे थोड़ा डर भी लग रहा था कि में ऐसे करूँगा तो वो सबको बोल सकती थी और मेरे पापा, मम्मी मुझे घर से बाहर निकाल देंगे, लेकिन मज़ा भी आ रहा था और फिर कुछ देर के बाद टीवी देखते देखते आंटी ने मुझसे पूछा कि समीर क्या तेरी कोई गर्लफ्रेंड है? तो मैंने बोला कि हाँ पहले थी, लेकिन अभी नहीं है तो उसने कहा कि तुम मुझसे झूठ बोल रहे हो। तो मैंने कहा कि में एकदम सच कह रहा हूँ और अब वो ठीक है कहकर सोने की तैयारी कर रही थी। एक तरफ में और दूसरी तरफ आंटी का छोटा लड़का और आंटी हम दोनों के बीच में थी। मैंने भी अब टीवी को बंद कर दिया और नाईट लेम्प चालू करके सो गया और उस समय रात के करीब 1:30 बज गये थे। मैंने थोड़ा उठकर देखा कि आंटी सो रही थी और अब उनकी मेक्सी जांघ तक आ गयी थी। तभी मैंने मेरी आंटी के लड़के को एक साईड में किया और अब में बिल्कुल बीच में आ गया और मुझे डर लग रहा था कि ना जाने आगे क्या होगा मेरा? फिर में धीरे धीरे आंटी की मेक्सी को खींचने लगा। तभी वो थोड़ी हिलने लगी तो में सोने का नाटक करने लगा और फिर मैंने मेक्सी को थोड़ा ऊपर किया तो मेरे देखते ही लंड बिल्कुल टाईट हो गया, वाह क्या मस्त मस्त गांड थी जी करता था कि चाट लूँ। फिर मैंने धीरे से उसकी गांड पर हाथ रख दिया। उसका साईज़ 36-38-36 था। में अब धीरे धीरे सहला रहा था क्योंकि मेक्सी के ऊपर के तीन बटन खुले हुए थे।
फिर मैंने मेरा लंड पेंट से बाहर निकाला और मैंने मेरा नाईट ड्रेस खोलकर एक साइड में रख दिया और अब में पूरा नंगा हो गया और मैंने एक चद्दर को मेरे और आंटी के ऊपर रख लिया क्योंकि उस समय ठंड बहुत थी और अब धीरे धीरे में उसकी पेंटी को नीचे करने लगा तभी मेरा एक हाथ उसकी चूत की तरफ गया उसने चूत के बाल साफ नहीं किए थे उसकी चूत पर बाल बहुत बड़े बड़े थे, लेकिन तभी मुझे लगा कि वो अब सोने का नाटक कर रही थी। फिर मैंने उसकी पेंटी को जांघ तक उतार दिया और फिर धीरे से में उसके साथ चिपक गया। अब मेरा लंड उसकी गांड की दरार में फंस गया और मैंने उसके पैर के बीच में ही मेरा पैर डाल दिया और अब वो किसी भी तरह से बिल्कुल भी हिल नहीं सकती थी। धीरे से में उसके बूब्स को दबाने लगा और मैंने चूत में अपनी एक उंगली को डाल दिया। वो अब पूरी तरह से गरम हो गयी थी और अब वो अपने मुहं से हाम्म हाहााहह उह्ह्हह्ह आवाज़ निकाल रही थी और तभी में समझ गया कि आज आंटी मुझसे चुदने के मूड में है।.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी पेंटी को उतार दिया और उसकी मेक्सी बटन वाली थी तो मैंने उसके सारे बटन को खोलकर मेक्सी को भी पैरों में से बाहर निकाल दिया। अब वो पूरी नंगी हो गयी थी, लेकिन वो सोने की एक्टिंग कर रही थी मैंने उसकी चूत में तीन उंगली डाल दी वो ज़ोर से आहह उह्ह्ह्हह्ह आवज़ करने लगी। मैंने सोचा कि जब तक वो आँख ना खोले तब तक में उसे तड़पाता रहूँगा। फिर मैंने अपना मुहं उसकी चूत पर लगा दिया और दोनों पैरों को खोल दिए और फिर चूत को चाटने लगा, वो कुछ बोल नहीं रही थी। फिर में उसके ऊपर सो गया और उसने दोनों हाथों से मुझे टाईट पकड़ा हुआ था, जिसकी वजह से में हिल भी नहीं सकता था। वो अब अपना एक हाथ लेकर मेरे लंड पर ले आई और उसने लंड को उसकी चूत में लगा दिया। मैंने ज़ोर से धक्का मारा दिया।
फिर में करीब बीस मिनट तक लगातार उसे चोदता रहा, लेकिन उसने आँखे बंद ही रखी थी। दो मिनट के बाद मैंने मेरा सारा वीर्य उसकी चूत में ही छोड़ दिया और अब में वैसे ही लेटा रहा और उस सारी रात हम दोनो नंगे ही एक दूसरे से चिपककर सो गए। जब सुबह 6 बज़े तो वो उठने लगी, लेकिन मेरा हाथ और पैर उसके ऊपर था इसलिए उसे दिक्कत होने लगी में थोड़ी खुली आँखो से देख रहा था और मेरा लंड टाईट हो गया। फिर उसने जल्दी से कपड़े पहन लिए। में भी अब सोने का नाटक कर रहा था। मेरा लंड खड़ा था तो उसने मेरे लंड पर अपनी जीभ से एक बहुत मस्त किस किया और फिर वो चली गयी और में अपने कपड़े पहनकर सो गया। जब में 8 बजे उठा तो वो चाय बना रही थी और वो मुझसे नज़र नहीं मिला पा रही थी। जब में फ्रेश होकर बैठा तो वो चाय लेकर आई और मैंने आँख मारी तो वो हंसकर चली गई। दोपहर को अब में उसके रूम में गया और उसे पीछे से कसकर पकड़ लिया। तो वो मुझसे बोली कि अभी नहीं रात को तो मैंने बोला कि अभी क्या है तो वो बोली कि मुझे दिन में शरम आ रही है। मैंने तुरंत अपने कपड़े निकालकर नंगा हो गया, वो मेरे लंड की तरफ देख रही थी। अब धीरे धीरे मैंने उसके सारे कपड़े उतारकर उसे किस करने लगा और उसकी फिर से जमकर चुदाई की ।।
धन्यवाद …